पक्षी प्रेमियों के लिए सुखद खबर है। आसन कंजर्वेशन रिजर्व का राजा कहे जाने वाला प्लाश फिश ईगल करीब चार माह के लंबे इंतजार के बाद आसन के घरोंदे में उतर आया। प्लाश फिश ईगल को आसन झील में दीदार के लिए पर्यावरण के लिए सुखद माना जाता है हालांकि इस बार भी यह प्लाश फिश ईगल ने अकेले ही आसन के संसार में प्रवेश किया है।
मालूम हो कि प्लाश फिश ईगल एक लुप्त प्राय: पक्षी है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की वर्ष 2019 में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में इस प्रजाति के सिर्फ 2499 ही पक्षी जीवित हैं। ऐसे में इस पक्षी के भविष्य को लेकर अक्सर पक्षी विशेषज्ञ चिंतित रहते हैं।
प्लाश फिश ईगल एक माइग्रेटेड पक्षी है जो सर्दियां आते ही उत्तरी भारत और पारस की खाड़ी का रुख करने लगता है। अमूमन यह पक्षी अक्तूबर माह की शुरुआत में ही झील में पहुंच जाता था लेकिन, इस साल यह पक्षी झील के आसपास नजर नहीं आया था। जिसके बाद से ही पक्षी विशेषज्ञ इसको लेकर चिंतित थे।
शुक्रवार को झील के आसपास गश्त पर निकले वन कर्मियों ने पेड़ की शाखा पर प्लाश फिश ईगल को बैठे देखा वह खासा उत्साहित हो गए। वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि झील में प्रवास पर पहुंचा प्लाश फिश ईगल पूरी तरह से व्यस्क नर है। बीते वर्ष यह पक्षी जोड़े के रूप में झील में पहुंचा था। ऐसे में अब भी उम्मीद है कि जल्द यह पक्षी फिर से जोड़े के रूप में आसन झील के ऊपर उड़ान भरता नजर आएगा।
ऐसा दिखता है पलाश फिश ईगल
नर पलाश फिश ईगल लंबाई में 84 सेमी तक लंबा होता है। जिसे पंखों का फैलाव करीब 215 सेमी तक होता है। मादा प्लाश फिश ईगल वजन करीब तीन किलो होता है। जबकि नर पलाश फिश ईगल करीब सात किलो का होता है। अमूमन यह भोजन की तलाश में झील के आसपास नजर आता है। यह एक बार में छह किलो तक की मछली को अपने पंजों में जकड़ कर उड़ान भर सकता है।