मसूरी: स्वर कोकिला के नाम से मसूरी में पहचान रखने वाली चंद्रलेखा त्रिपाठी 'चांद दीदी' नहीं रहीं। 80 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से समूचे मसूरी क्षेत्र में शोक की लहर है और संगीत जगत के लिए यह अपूर्णीय क्षति से कम नहीं। आजीवन संगीत के प्रति समर्पित रहीं चंद्रलेखा ने राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त किया था।
चंद्रलेखा त्रिपाठी का जन्म आठ मई 1941 को मसूरी में ही हुआ था। यहां गर्ल्स इंटर कालेज में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और बाद में कालेज में ही संगीत शिक्षक के रूप में सेवा दी। ताउम्र अविवाहित रहीं चंद्रलेखा ने सिर्फ संगीत को ही अपना पूरा समय दिया। सिने अभिनेता पद्मश्री टाम आल्टर, मीना राणा, आवाज पंजाब द फेम मनु वंदना समेत तमाम व्यक्तियों ने उनसे संगीत की शिक्षा प्राप्त की। संगीत के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए वर्ष 2001 में उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार दिया गया था। साथ ही चंद्र कुंवर बत्र्वाल शोध संस्थान मसूरी समेत तमाम राज्य स्तरीय पुरस्कार भी उन्हें प्राप्त हुए। चंद्रलेखा त्रिपाठी का संगीत का सफर सेवानिवृत्ति के बाद भी जारी रहा और वह तमाम छात्रों को निश्शुल्क संगीत की शिक्षा देती रहीं।