मौसम वैज्ञानिकों के चौकाने वाले खुलासे को लेकर केन्द्र सरकार सजग हो गयी है। वहीं केन्द्र से असामान्य ढंग से बढ़ते तापमान को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक मार्च से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि, वो गर्मी से बीमार या इससे होने वाली मौतों का डाटा दर्ज करना शुरू करें। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र पोर्टल पर मौजूद गर्मी से जुड़ी बीमारियों के लिए एक्शन प्लान के तहत ये निर्देश दिए गए है।
इन निर्देशों के जरिये गर्मी बढ़ने पर आए मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों को तैयारी का मूल्यांकन और जरूरत होने पर सुधार करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए बने राष्ट्रीय कार्यक्रम में इस निगरानी की व्यवस्था की गई है।
पत्र के मुताबिक, मंत्रालय की तरफ से गर्मी को लेकर लगाए गए अनुमान सभी राज्यों और जिलों को भेजे गए हैं। और इनका उपयोग करने की सलाह दी गयी है। साथ ही ये भी सुझाव दिया गया है कि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, स्टाफ, जमीन पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं को गर्मी से होने वाली बीमारियों को समय रहते पहचानने और प्रबंधन के लिए जागरूक करें।
जरूरी दवाएं, आईवी से दिए जाने वाले द्रव्यों, आईस-पैक, ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। सभी चिकित्सा संस्थानों में पेयजल और अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्रों में ठंडक के लिए बिजली उपकरणों की व्यवस्था करके रखें। बिजली की सप्लाई दुरुस्त रखें, ताकि उपकरण चलते रहें। सोलर पैनल लगवाए जा सकते हैं, ताकि बिजली की बचत हो। ग्रीन-रूफ या कूल-रूफ की भी व्यवस्था की जा सकती है। छांव के लिए भी जरूरी व्यवस्था करें।