रसगाड़ी के कारगिल शहीद जमन सिंह ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया लेकिन उनके गांव तक आज भी सड़क नहीं पहुंच सकी है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
तत्कालीन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने जमन सिंह के घर आकर परिजनों को शहीद के नाम से मोटर मार्ग का निर्माण करने का आश्वासन दिया था। लोनिवि ने शहीद के घर तक पांच किमी सड़क का सर्वे कर शासन को भेजा था, जहां से एक किमी की ही स्वीकृति मिली। शहीद के पिता सेवानिवृत्त कैप्टन देव सिंह भी सड़क की आस में तीन वर्ष पूर्व स्वर्ग सिधार गए।
माता दिगंबरी देवी (80) को विश्वास है कि एक दिन उनके गांव तक जरूर सड़क पहुंचेगी। शहीद जमन सिंह धामी के गांव रसगाड़ी के ग्रामीणों ने बताया कि विभाग से मामले में बात की गई तो बजट मिलने पर काम होने की बात बताई गई। उन्होंने डीडीहाट के जनप्रतिनिधियों के साथ ही शासन-प्रशासन पर शहीद के अपमान का आरोप लगाया है।