रुद्रप्रयाग: कलश लोक संस्कृति चैरिटेबिल ट्रस्ट रुद्रप्रयाग द्वारा मद्महेश्वर मेले के दौरान ऊखीमठ में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर कवियों की प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा। कवि सम्मेलन में संचालक ओम प्रकाश सेमवाल ने होणि खाण्यौ समौ दगड़्या फेर से बौड़ीगे ऐगे भयों, भल्यारौ समौ दगड़्या फेर से बौड़ीगे ऐगे भयों, सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे गणेश खुगशाल 'गणी' ने एकी भितर मा एकी रुसड़ो खैकि, जब एक बुबै औलाद इन छन,त जब यि भैर जाला त दुन्या तैं कना खण्ड खिलाला, मुरली दीवान मेरो बुड्या तै जमनौ आठ पास पर क्य कन नौकरि ना चाकरि पैदल बटौ गाजर घास, तेजपाल रावत निर्मोही चला दादु मिलीक तौं रीति- रिवाजों तैं खोजीक ल्ह्यौला, अनूप नेगी द्वी ही लोग भौत छिन ये द्यौस चलौणौ तैं, पर शर्त केवल एक हि च घौर गुजरात होण चैन्द, उपासना सेमवाल सुख मेटि मेटी थकी जिन्दगी, दुख स्हौणौ सगोर भी होण चैन्द, सुरेन्द्र दत्त नौटियाल आदि ने कविताएं सुनाई।