केंद्र सरकार ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए राज्यों को आर्थिक मदद भले ही की हो लेकिन राज्य सरकारें इनका प्रयोग करने में असर्मथ नज़र आ रही है।
हैरानी की बात है कि, अधिकांश राज्य, उस राशि को खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा, अगले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र कोई राशि जारी नहीं की जाएगी। क्योंकि, पिछले साल के पैसे अभी भी नहीं खर्च हुए हैं।
ये खुलासा गृह मंत्रालय के 2018-19 से लेकर 2021-22 तक के आंकड़ें सामने के बाद हुआ है। छत्तीसगढ़, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्य ही ऐसे हैं, जिन्होंने साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए राशि खर्च की है। इन राज्यों को उक्त अवधि के दौरान हर साल राशि आवंटित की गई है। वह राशि खर्च हुई तो उन्हें आगामी वर्ष के लिए भी राशि जारी कर दी गई।
इन राज्यों में आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, पंजाब, ओडिशा, तमिलनाडु, सिक्किम, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल को बीते सालों में इसलिए कम राशि जारी की गई, क्योंकि वे पहले से मौजूद राशि को खर्च नहीं कर सके थे।