आपने भी कई लोगों को पैनिक अटैक की समस्या से परेशान देखा होगा। अचानक घबराहट और चिंता की ये समस्या भय की शारीरिक संवेदनाओं का कारण बनती है। इस स्थिति में दिल की धड़कनों के तेज होने, सांस लेने में तकलीफ होने, चक्कर आने, कंपकंपी और मांसपेशियों में दर्द की दिक्कत हो सकती है। पैनिक अटैक अक्सर अप्रत्याशित रूप से होते हैं और अक्सर किसी बाहरी खतरे से संबंधित नहीं होते हैं। आइए पैनिक अटैक का कारण और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानें।
क्यों आता है पैनिक अटैक :
वैज्ञानिक कहते हैं, ये समझा नहीं जा सका है कि आखिर पैनिक अटैक क्यों आता है, पर इसके लिए कुछ स्थितियां जिम्मेदार हो सकती है। आनुवंशिकी, तनाव की समस्या और मस्तिष्क में कुछ प्रकार की परिवर्तनों कारण पैनिक अटैक आ सकता है।कुछ शोध से पता चलता है कि खतरे के प्रति आपके शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया भी पैनिक अटैक को बढ़ाने वाली हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य विकारों के शिकार लोगों में इस समस्या के विकसित होने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है।
पैनिक अटैक से बचाव कैसे करें?
पैनिक अटैक या पैनिक डिसऑर्डर को रोकने का कोई विशिष्ट तरीका नहीं है। हालांकि कुछ तरीकों का पालन करके इससे बचाव किया जा सकता है।
जितनी जल्दी हो सके पैनिक अटैक का इलाज कराएं ताकि उसे बदतर होने या बार-बार होने से रोका जा सके।
पैनिक अटैक के लक्षणों को दोबारा होने या बिगड़ने से रोकने में मदद के लिए दिनचर्या और आहार को स्वस्थ रखें।
नियमित शारीरिक गतिविधि करें, जिससे स्ट्रेस की समस्या को कंट्रोल किया जा सके।