जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के ईष्ट देवता चालदा महासू महाराज डेढ़ साल तक समाल्टा में विराजमान होने के बाद अब खत पट्टी दसऊ गांव के लिए प्रवास पर जाएंगे. इस कार्यक्रम में तीस से चालीस हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन भी मुस्तैदी से कमर कस चुका है.
आजकल छत्रधारी चालदा देवता समाल्टा में हैं. 29 अप्रैल को समाल्टा मंदिर से देवता प्रवास खत्म कर दसऊ गांव जाएंगे. जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के कुल आराध्य देवता चार भाई हैं. इनमें से सबसे छोटे भाई चालदा देवता हैं. चालदा देवता हमेशा चलायमान रहते हैं, जो प्रवास के दौरान किसी खत पट्टी में दो साल, कहीं एक साल, तो कहीं डेढ़ साल तक रहते हैं. देवता का प्रवास जौनसार बावर में बड़ा आयोजन माना जाता है. प्रवास का लंबा इतिहास है.