उत्तराखंड में पर्यटकों का रहना अब जल्ह मंहगा होने वाला है। जी हां ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ते होम स्टे से अब जिला पंचायत टैक्स वसूलने की तैयारी में है। इसके लिए जिला पंचायत ने सभी होम स्टे संचालकों से पंजीकरण कराने को कहा है। बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की जा रही है, पर होम स्टे संचालकों ने इसे एक्ट के विरुद्ध बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। जानकारी के मूताबिक मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे अवैध करार दिया है। जिले के साथ ही पूरे कुमाऊं में होम स्टे काफी सफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में लोग तेजी से अपने पारंपरिक घरों को होम स्टे में तब्दील कर रहे हैं। नियमानुसार होम स्टे संचालक को पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद उन्हें किसी तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होती है।