हिंदू धर्म में अगहन मास का काफी महत्व होता है। अगहन मास हिंदू पंचांग का नौवां महीना है। इसे मार्गशीर्ष भी कहते हैं। इस बार अगहन मास की शुरुआत 9 नवंबर बुधवार से होने जा रही है। ये महीना 08 दिसंबर गुरुवार तक रहेगा। इस महीने में शंख पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। ये महीना मांगलिक कार्यों और विवाह के हिसाब से काफी अच्छा होता है। अगहन मास में विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में भगवान श्रीराम का विवाह देवी सीता से हुआ था। आइए जानते हैं कि अगहन मास इतना खास क्यों माना जाता है।
मनाए जाएंगे ये त्योहार
हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं। इनमें से सिर्फ नौवें महीने यानी कि अगहन का ही अतिरिक्त नाम है। अगहन मास का एक नाम मार्गशीर्ष भी है। इस महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है। मृगशिरा से ही मार्गशीर्ष नाम बना है। इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का महीना भी कहा जाता है। अगहन मास में कई त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से कुछ खास जैसे कालभैरव अष्टमी, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी और अनंग त्रयोदशी। इसके अलावा महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि पर दत्त जयंती का पर्व मनाया जाता है।
इस माह में हुआ था भगवान श्री राम का विवाह
धर्म ग्रंथों के अनुसार अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि त्रेता युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस महीने मोक्षदा एकादशी का व्रत भी किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस कारण से इस महीने का विशेष महत्व है।
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः।।
इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं को मार्गशीर्ष महीना बताया है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस पवित्र मास में गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से रोग, दोष और पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है।