हल्द्वानी के बनभुलपुरा में गुरुवार को हुई हिंसक घटना को उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने बहुत ही गंभीर बताया है. उन्होंने कहा, कि हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का काम हो रहा था. लेकिन, जिस तरह सुनयोजित तरीके से माहौल बिगाड़ा गया, पेट्रोल बम फेंके गए, छतों से पत्थर बरसाए गए और थाने पर हमला किया गया, वह किसी स्थानीय नागरिकों द्वारा नहीं, बल्कि बांग्लादेशी, रोहियंग्याओं या किसी संगठन के द्वारा की गई हिंसा प्रतीत हो रही है. पूर्व डीजीपी ने कहा, कि इस हिंसक घटना में कहीं न कहीं पीएफआई या देश विरोधी कट्टरपंथी संगठन का हाथ है.पूर्व डीजीपी एके जैन ने कहा, कि हल्द्वानी में जिस प्रकार सुनियोजित तरीके से हिंसा की गई. इस हिंसा में लगभग 100 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. यह एक संयोजित षड्यंत्र के तहत किया गया है. इसकी प्लानिंग लंबे समय से चल रही थी. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है, कि हल्द्वानी के उस क्षेत्र में कौन-कौन रह रहे हैं. क्या उनमें कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी आकर बस गए हैं? एक-एक की पहचान होनी चाहिए, हाउस टू हाउस सर्च किया जाना चाहिए.