देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में परंपरागत माघ मरोज के उत्सव की तैयारियां जोरों से चल रही है. आज कयलू महाराज के मंदिर में चुराच की पहली पूजा हुई है. जौनसार बावर की 39 खतपट्टियों में माघ मरोज का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है.जौनसार बावर में माघ मरोज त्योहार शुरू: माघ मरोज त्योहार के लिए ग्रामीणों ने खरीदारी पूरी कर ली है. मान्यता है कि क्षेत्र में सैकड़ों वर्ष पूर्व नरभक्षी किरमिर नामक राक्षस का आतंक था. उसे हर रोज नरबलि चाहिए होती थी. मानव कल्याण की सुरक्षा को भगवान शिव के भक्त माने जाने वाले चार भाई महासू देवता जौनसार बाबर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हनोल महेंद्रथ में अवतरित हुए. देवता ने 25 गते पौष माह की रात को नरभक्षी किरमिर राक्षस का वध कर समूचे इलाके को उसके आतंक से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाया.