साबरकांठा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत गुजरात में बनासकांठा के मुदेती गांव में श्री भगवान याज्ञिवल्क्य वेद संस्कृत महाविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हुए। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने अमेरिका, चीन और रूस समेत दुनिया के कई बड़े देशों के साथ भारत की नीतियों पर बात की।
संघ प्रमुख ने कहा कि बड़े देश बलवान होकर क्या करते हैं, डंडा चलाते हैं।
पहले रूस चलाता था, उसको अमेरिका ने गिरा दिया। उसने अपना डंडा चलाना शुरू किया और अब चीन आया है।
ऐसा लगता है कि वह अमेरिका को पछाड़ देगा। यही कारण है कि यूक्रेन को मोहरा बनाकर
अमेरिका और रूस लड़ रहे हैं। हमसे कह रहे हैं कि हमारा सपोर्ट करो। लेकिन, हमने साफ कर दिया
कि आप दोनों ही हमारे दोस्त हैं और आप दोनों के बीच जो मर रहा है, हम उसके भी दोस्त
हैं। इसलिए पहले जंग बंद करो। आज का भारत
दुनिया को ऐसा बोलने की क्षमता रखता है।
धर्म को मानने वाला देश है भारत
मोहन भागवत ने आगे कहा कि आज जब भी किन्हीं देशों के बीच जंग
होती है तो भारत कहता है कि ये लड़ाई का जमाना नहीं है, लड़ना बंद करो। ये कहने भारत खड़ा होता है, जो कहने की
हिम्मत पहले नहीं थी। श्रीलंका, चीन से दोस्ती
करता था और पाकिस्तान से करता था। हमको दूर ही रखता था। लेकिन, जब खतरे में पड़ा तो उसकी मदद के लिए कौन आगे आया। एक ही
देश सामने आया भारत। क्योंकि, धर्म को मानने वालों का देश दुनिया में कभी भी
किसी का लाभ नहीं उठाएगा। क्योंकि, यह धर्म के मानने वालों का देश है। और जो देश धर्म को मानने वाला होता है, वह किसी का लाभ
नहीं उठाता। वह किसी से लेता नहीं है। सिर्फ प्रेम का लेनदेन करता है।
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भारत लाभ लेने वाला नहीं, भारत अपना लाभ
दूसरों को देने वाला देश है। दान देने, खुद का पेट भरने से पहले दूसरों का पेट भरना यह हमारी जन्मजात प्रवृत्ति है।
यह हमें साइंस ने नहीं बल्कि धर्म ने सिखाया है। क्योंकि, साइंस का तरीका
अलग है। वह सिर्फ प्रयोगों से गुजरता रहता है। साइंस तो कहता है
कि भगवान भी टेस्ट ट्यूब में दिखना चाहिए तभी मानेंगे की भगवान सचमुच में है। उन्होंने कहा
कि विज्ञान भी इसी बिग-बैंग की थ्योरी के बारे में कहता है, जोकि हमारे
ऋषियों ने अपने आत्मज्ञान से पहले ही कह दी थी। वेदों में केवल शब्द नहीं हैं बल्कि
उस प्रत्येक शब्द का स्वर है। हमारे मुनियों ने लोक कल्याण के लिए तप किया। अपने
स्वार्थ के लिए नहीं किया।
सनातन धर्म के लिए हिंदू राष्ट्र का उत्थान होना बहुत जरूरी
आरएसएस चीफ ने कहा कि सनातन धर्म का उत्थान हो, ये भगवान की
इच्छा है। और सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। हिंदू राष्ट्र ही सनातन धर्म है, इसलिए हिंदू राष्ट्र का उत्थान सनातन धर्म के लिए होना
बहुत जरूरी है। और उत्थान हो रहा है, इसको हम देख रहे
हैं। सनातन धर्म चलते आया हुआ है, किसी को उसका
उद्गम पता नहीं, वह हमेशा चलता
रहेगा। लेकिन, धर्म क्या है? उसे जानने की
आवश्यकता है। और बिना वेदों को जाने धर्म के बारे में कभी नहीं जान पाएंगे। क्योंकि, सभी धर्मों का मूल वेदों में है। धर्म स्वभाव और
कर्तव्य का मेल है।