जोशीमठ की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट में देरी आपदा प्रभावितों के दर्द को और भी ज्यादा बढ़ा रही हैं। लोगों का कहना है कि जोशीमठ के संवेदनशील क्षेत्रों को लेकर अब तक कुछ सटीक जानकारी नहीं है। यदि यह तय हो जाएगा कि कौन सा क्षेत्र सुरक्षित और असुरक्षित है तो लोग नया आशियाना बनाने पर निर्णय लें सकेंगे।
इस वक्त विभिन्न राहत कैंपों, किराए के मकान और रिश्तेदारों के घरों में जीवन बिता रहे 296 परिवार इसी उहापोह में हैं ही, जोशीमठ के बाकी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी परेशान हैं। रिपेार्ट न आने की वजह से सरकार भी अब तक भूमि का मुआवजा तय नहीं कर पाई है। नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पंवार कहते हैं कि देश की आठ शीर्ष वैज्ञानिक संस्थाओं के विशेषज्ञों ने जोशीमठ की कई दिन तक जांच की थी।
उम्मीद की जा रही थी कि जल्द प्रमाणिक रिपेार्ट आ जाएगी तो लोगों को विस्थापन-पुनर्वास पर निर्णय लेने में आसानी होती। पंवार ने कहा कि भवन का मुआवजा तो सरकार ने तय कर दिया है,लेकिन भूमि को लेकर भी जल्द से जल्द भूवैज्ञानिक रिपोर्ट जारी कराने का प्रयास करना चाहिए।