उत्तराखंड में अब किसी भी जिले में अब भूस्खलन की वजह से किसी की भी जान नहीं जाएगी। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने लोगों की जान बचाने को कारगर प्लान बनाया है। उत्तराखंड में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों पर वैज्ञानिक अब हर पल नजर रखेंगे। भूस्खलन प्रभावित इलाकों का अध्ययन भी किया जाएगा।
भूस्खलन के कारणों का पता लगाने को विशेषज्ञ जांच भी करेंगे। भूस्खलन के कारण और उसके स्थायी उपचार के लिए नियमित रूप से सरकार को रिपोर्ट की जाएगी। जिससे समय रहते भूस्खलन की वजह से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। करीब साल भर के इंतजार के बाद उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र-यूएलएमएमसी ने काम शुरू कर दिया।यूएलएमएमसी के विशेषज्ञों ने जोशीमठ के कुछ क्षेत्रों का अध्ययन किया है। संपर्क करने पर निदेशक शांतनु सरकार ने कहा कि यूएलएमएमसी में विशेषज्ञों और बाकी स्टॉफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य में भूस्खलन की बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने पिछले साल यूएलएमएमसी के गठन का आदेश किया था।