शनिवार सुबह चटक धूप खिलने के बाद बसंत पंचमी पर्व पर दूर दराज से श्रद्धालु देवप्रयाग संगम और रामकुंड में गंगा स्नान के लिए जुटे। ग्रामीण क्षेत्रों से से बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों के आने सिलसिला जारी रहा। वर्ष भर में आने वाले बसंती पंचमी मेले के लिए पूरे क्षेत्र में खासा उत्साह रहता है। महिलाएं सुहाग के प्रतीक चूड़ी बिंदी लेने के लिये मेले में उमड़ती है तो बच्चों में खिलौने आदि लेने की होड़ मची रहती है। कई लोग अपनी बालिकाओं के नाक कान छिदवाने के लिए भी मेले में पहुंचते हैं। परम्परानुसार बसंत पंचमी पर लोक वादकों द्वारा घरों में मंगल कामना के साथ हरियाली भी बांटी गयी जिसे लोगों द्वारा घरों के दरवाजे पर लगाया गया। साथ ही कई घरों में मां सरस्वती के पूजन के साथ बालक-बलिकाओं के अध्ययन की शुरूआत भी की गई। तीर्थनगरी में पौड़ी, टिहरी जिलों के दूर दराज गांवों से पर्व स्नान, भगवान रघुनाथ के दर्शन पूजन सहित मेले में खरीददारी करने के लिये उमड़ी भीड़ को रोकने में पुलिस प्रशासन भी बेबस नजर दिखा।