उत्तरकाशी : पहाड़ों में वाहन दुर्घटना का एक बड़ा मुख्य कारण वाहनों की फिटनेस न होना भी है। इन वाहनों की जांच के लिए जनपद उत्तरकाशी में सही व्यवस्था नहीं है। वाहन स्वामी भी पैसे बचाने के चक्कर में समय से वाहनों की फिटनेस नहीं कराते हैं। कुछ के पास नाम के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र तो होता है, जबकि टायरों और अन्य जरूरी मोटर पार्ट्स के प्रयोग को लेकर सबसे अधिक लापरवाही बरती जाती है। उत्तरकाशी परिवहन विभाग ने फिटनेस न होने पर पिछले छह माह में 164 वाहनों के चालान काटे हैं। उत्तरकाशी के परिवहन विभाग के कार्यालय में 16633 वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें निजी वाहन 13950 हैं और कामर्शियल वाहनों की संख्या 2683 है। वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए एक संभागीय निरीक्षक (आरआइ) की तैनाती है। फिटनेस जांच आरआइ की ओर से मैनुअली करते हैं। मौजूदा नियमों के मुताबिक, केवल कामर्शियल वाहनों को दो वर्ष में एक बार मैनुअली फिटनेस जांच करानी होती है। जबकि निजी वाहनों को 15 वर्ष तक कोई जांच नहीं करानी होती है। कई वाहन चालक नियमों के अनुसार फिटनेस जांच नहीं कराते हैं। अगर सड़क पर जांच के दौरान वाहन पकड़ में आया, तो तभी ऐसे वाहनों का चालान होता है। वाहनों की फिटनेस ठीक न होने के चलते अक्सर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।