शिमला बाइपास रोड के किनारों पर लोक निर्माण विभाग की ओर से लगाए जा रहे पत्थर के पिलर को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि, मार्ग पर कम चौड़ाई वाले स्थानों पर लगे सीमेंटेड पिलर यानि स्टोन ऐजिग से दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए स्टोन ऐजिग को हटाने की मांग की है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि विभाग ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की, तो ग्रामीण स्वयं ही पिलर को उखाड़ देंगे।
धर्मावाला से देहरादून की ओर जाने वाले शिमला बाइपास पर लोक निर्माण विभाग की ओर से रोड किनारे पत्थर के पिलर लगा दिए हैं। ऐसे में यदि किसी को वाहन बचाना होगा तो वह कैसे बचाएगा। रोड किनारे पिलर के कारण रात में हादसा बढ़ेगा। मार्ग के संकरे किनारों पर लगाए जाने वाले इन स्टोन ऐजिग के संबंध में लोनिवि के अवर अभियंता भरत कपरवाण का कहना है कि मार्ग संकरा होने के कारण सुरक्षा की ²ष्टि से कार्य किया गया है। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि जिन स्थानों पर मार्ग के किनारे पर जगह कम है उनमें पत्थर के पिलर लगाना दुर्घटना को बढ़ावा देना है। मार्ग पर चलने वाले भारी वाहन व अत्यधिक ट्रैफिक से बचने के लिए यदि कोई बाइक सवार सड़क के किनारे पर जाएगा तो वह इन पिलर में उलझकर दुर्घटना का शिकार हो जाएगा। उनका कहना है कि लोक निर्माण विभाग रोड से सटा कर जिस प्रकार से खूंटे लगा रहा है। उससे बचाव कम खतरा अधिक है।