ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जोहार के ल्वां गांव में मृत पशुधन सहायक का शव मुनस्यारी पहुंच गया है।
पहाड़ का जीवन वाकई पहाड़ जैसा ही है। एक तरफ हम चांद मंगल तक का सफर तय कर चुके हैं वही कई इलाके अब भी ऐसे हैं जहां एक सड़क तक नहीं है। ऐसे में ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जोहार के ल्वां गांव में मृत पशुधन सहायक का शव मुनस्यारी पहुंच गया है। पशुधन सहायक के शव को लाने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टाम को 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करना पड़ी।दुर्गम और चट्टानी रास्तों से होते हुए शव को इतनी दूर लाना टीम के सदस्यों के लिए आसान काम नहीं था, गंगोलीहाट के सिरोला गांव निवासी पशुधन सहायक दान सिंह (59) पुत्र देव सिंह विभागीय कार्य से मल्ला जोहार के ल्वां गांव गए हुए थे। अचानक सांस लेने में दिक्कत होने से उनकी मौत हो गई थी।