अल्मोड़ा। राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य मानने वाले स्वामी विवेकानंद का सांस्कृतिक नगरी से भी नाता रहा है। स्वामी विवेकानंद दो बार अल्मोड़ा आए और कई दिनों तक यहां रहकर साधना की। उन्होंने 11 मई 1897 के दिन खजांची बाजार में जनसमूह को संबोधित कर लोगों को एकता का संदेश दिया था। स्वामी विवेकानंद खजांची मोहल्ले में स्व. बद्री शाह के मेहमान बनकर रहे थे। वह वर्ष 1890 और 1897 में स्व. शाह के घर आए थे। इस मकान में आज भी विवेकानंद के निवास करने संबंधी पट्टिका लगी है।
स्वामी विवेकानंद जब दूसरी बार अल्मोड़ा पहुंचे तो उनके आगमन के लिए पूरे नगर को सजाया गया था। लोधिया से एक सुसज्जित घोड़े पर उन्हें नगर में लाया गया। उनके शहर पहुंचने पर नगर के लोगों ने भव्य स्वागत किया था। 11 मई 1897 को खजांची बाजार में उन्होंने जन समूह को संबोधित किया। स्वामी के ओजस्वी विचारों को सुनने के लिए तब पांच हजार लोग आए थे। स्वामी ने यहां कहा था यह वही भूमि है, जहां रहने की कल्पना वह अपने बाल्यकाल से ही कर रहे थे। उनके मन में हिमालय में एक केंद्र स्थापित करने का विचार था।