उत्तराखंड में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी नाराज चल रहे हैं। हालांकि, अब सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया है कि 30 नवंबर तक बोर्ड के संबंध में कोई फैसला ले लिया जाएगा और तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। सरकार इस संबंध जो भी फैसला लेगी, उसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही इनसे जुड़े 46 मंदिरों की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से त्रिवेंद्र सरकार ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम पारित कराया। इसके तहत चारधाम व उनसे जुड़े मंदिरों के अलावा पांच अन्य मंदिर इसमें शामिल किए गए। इन सभी 51 मंदिरों की व्यवस्था के लिए अधिनियम के तहत चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड बनाया गया। चारधाम के तीर्थ पुरोहित लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह अधिनियम और बोर्ड उनके हितों पर कुठाराघात है। इस संबंध में तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों से राय तक लेना उचित नहीं समझा गया। इस सबको देखते हुए वे लगातार आंदोलित हैं।