वह भविष्य में एसजीपीसी चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा था। उसने खालसा वहीर यानि धार्मिक जुलूस के माध्यम से संपर्क बनाना शुरू कर दिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उसने श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह की जत्थेबंदी और श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हुजूरी रागी भाई बलदेव सिंह वडाला की जत्थेबंदी के कुछ कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाया था। इन जत्थेबंदियों के लोग भी अमृतपाल के खालसा वहीर में शामिल होते थे। इस के लिए सारी योजना पपलप्रीत सिंह ने ही तैयार की थी।
क्योंकि पपलप्रीत सिंह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में भी अहम भूमिका निभा चुका है। उसे पता था कि कोई भी संगठन तब तक पंथक क्षेत्रों में शक्तिशाली नहीं हो सकता, जब तक वह एसजीपीसी के अंदर प्रवेश नहीं करता। इसलिए उसने अपनी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने के लिए एसजीपीसी के चुनाव लड़ने की तैयारियां कर ली थीं।
इसके लिए अमृतपाल के साथियों ने सभी शिअद विरोधी जत्थेबंदियों के वर्करों और नेताओं के साथ संपर्क जोड़ना शुरू कर दिया था। खुफिया एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला था कि, खालसा वहीर के दौरान शामिल होने वाले सभी अमृतधारी युवाओं को कहा जाता था कि, वह आने वाले समय में एसजीपीसी के चुनाव को मुख्य रख अपने वोट एसजीपीसी के लिए जरूर बनवाएं।