पिथौरागढ़। चीन सीमा से सटे अधिकांश भारतीय गांवों में मोबाइल नेटवर्क शुरू हो गया है। पिथौरागढ़ के नजदीकी मड़मानले गांव में आज भी लोगों को संचार संपर्क के लिए मोबाइल फोन लेकर पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। फोन सेट में भारतीय कंपनियों के बजाए नेपाल की संचार कंपनियों के सिग्नल अधिक अच्छे आते हैं।जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूर मड़मानले क्षेत्र के अधिकांश गांवों में अभी भी मोबाइल के सिग्नल नहीं आते हैं। क्षेत्र के उपभोक्ताओं के पास सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल सहित अन्य निजी कंपनियों की सिम हैं। मोबाइल में नेपाल की संचार कंपनियों के सिग्नल आते हैं। बीएसएनएल के सिग्नल नहीं आने से उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसी से बातचीत करने के लिए लोगों को घर से बाहर पेड़ पर चढ़ना पड़ता है। क्षेत्र के कई लोग सेना में हैं। सीमा पर तैनात जवान परिजनों से बातचीत नहीं कर पाते हैं।परिजनों को भी फोन आने की उम्मीद में समय-समय पर पेड़ पर या फिर घरों से दूर ऊंचे स्थानों पर जाना पड़ता है। रिश्तेदारों से भी बातचीत नहीं हो पाती है। सिग्नल नहीं आने से इंटरनेट का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पाता है। घर में ऑनलाइन पढ़ने के लिए बच्चे सर्वाधिक परेशान रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता किशोर सिंह धामी ने बताया कि संचार सुविधा बदहाल होने के कारण लोग परेशान हैं। नेपाल की कंपनियों का अधिक नेटवर्क काम करता है। इससे फोन में बार-बार नेपाल की संचार कंपनियों के मैसेज आते हैं। उन्होंने बीएसएनएल के अधिकारियों से शीघ्र क्षेत्र में टावर लगाने की मांग की है।