अमावस्या तिथि जब शनिवार के दिन होती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं. इस दिन स्नान, दान-पुण्य करने का काफी अधिक महत्व है. इसके साथ ही आप पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी कर सकते हैं. इस दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में-
शनि अमावस्या के दिन भूलकर भी ना करें ये काम
शनि अमावस्या के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि मंदिर से लौटते समय शनिदेव को अपनी पीठ ना दिखाएं. ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है.
शनि देव की पूजा करते समय उनकी नजरों में नहीं देखना चाहिए. हमेशा आंखे झुकाकर ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. शनिदेव की दृष्टि को वक्री माना जाता है. माना जाता है कि शनिदेव जिस पर भी अपनी दृष्टि डालते हैं उसका जीवन कष्टों में बीतता है.
माना जाता है कि शनिवार के दिन नाखून, बाल और दाढ़ी काटना काफी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से शनि दोष लगता है.
शनि अमावस्या पर माता पिता, गुरु, बड़े बुजुर्ग का, महिला का अपमान करना काफी बुरा माना जाता है. ऐसा करने वालों को भविष्य में शनि देव के दुष्प्रभाव का समाना करना पड़ता है.