Read in App


• Fri, 12 Mar 2021 8:36 am IST


इस मंदिर में हुआ था शिव और पार्वती का विवाह


भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह सबसे अनोखी शादियों में से एक है। एक ओर पर्वतराज की कन्या पार्वती थीं तो दूसरी ओर एक ऐसा तपस्वी जिसकी दुनिया बिल्कुल अलग थी। शिव के बारे में कहा जाता है कि वे इतने भोले हैं उन्हें दूल्हे के तौर पर कैसे सजना है, क्या करना है, इसका भी पता नहीं था। ऐसी बारात न कभी पहले निकली थी और अब न कभी निकलेगी। एक मौका तो ऐसा भी आया जब शिव को देख माता पार्वती की मां ने अपनी बेटी का हाथ उन्हें देने से मना कर दिया था।


भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़े तमाम प्रसंग बड़े ही प्रसिद्ध हैं। शिव जी से जुड़े धार्मिक स्थल भी बहुत ही विख्यात हैं। इन अलग-अलग स्थलों की अलग-अलग रोचक कहानियां भी हैं। हम आपको शिव जी से जुड़े एक ऐसे ही धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहा है जिससे जुड़ी मान्यता है कि यहां पर भदवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।


उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में त्रियुगी नारायण मंदिर स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। कहा जाता है कि पार्वती जी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगी नारायण मंदिर के पास तपस्या की थी। माता पार्वती ने जिस स्थान पर तपस्या की थी उसे गौरी कुंड कहा जाता है। कहा जाता है कि इस हवन कुंड में आज भी अग्नि जल रही है।


पार्वती की कड़ी तपस्या से शिव जी प्रसन्न हुए थे। इसके बाद शिव-पार्वती ने त्रियुगी नारायण मंदिर में विवाह किया था। आज इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है। कहा जाता है कि केदारनाथ की यात्रा से पहले यहां पर आना चाहिए। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।