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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 15 Jan 2022 8:00 am IST


मकर संक्रांति पर गर्म वस्त, चावल और घी दानकर कमाया पुण्य


देहरादून। कोरोना संक्रमण के बीच मकर संक्रांति सादगी के साथ मनाई गई। मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद सूक्ष्म रूप में घी के साथ खिचड़ी के रूप में प्रसाद वितरित किया गया। भक्तों ने घरों में सुबह गंगाजल से स्नान करने के बाद सूर्यदेव की आराधना की। वहीं, मंदिर में गर्म वस्त्र, तिल, चावल, घी, कंबल, गुड़ का दान कर पुण्य कमाया और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना की।

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी तिथि से दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती हैं। कोई इसे उत्तरायणी, कोई मकरैणी (मकरैंण), कोई खिचड़ी संग्रांद तो कोई गिंदी कौथिग के रूप में मनाता है। गढ़वाल में इसके यही रूप हैं, जबकि कुमाऊं में घुघुतिया और जौनसार में मकरैंण को मरोज त्योहार के रूप में मनाया जाता है।