विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के भाग्य का पिटारा 10 मार्च को खुलेगा। वोटों की गिनती सरकारी अमला करेगा, लेकिन उस पर निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवारों ने अपने मतगणना अभिकर्ता तय किए हैं। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में टेबल वार काउंटिंग एजेंट बनाने के लिए प्रत्याशियों ने ऐसे कार्यकर्ता को चिह्नित किया है जो न केवल पार्टी के प्रति समर्पित हैं, बल्कि गणित में भी बेहतर हैं।
जिले की 11 विधानसभाओं में 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद बृहस्पतिवार को मतगणना के इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं। बक्सों में रखीं ईवीएम दस मार्च को बाहर निकल आएंगी। इसके लिए प्रत्याशी और सभी दलों ने पूरी तैयारी कर ली है। मतगणना कार्मिकों के साथ-साथ एक-एक वोट की गिनती के लिए प्रत्याशियों के एजेंट भी उनके साथ मौजूद रहेंगे। मतगणना स्थल पर मतों की गणना के लिए लगने वाली टेबलों पर प्रत्याशियों के भी एजेंट रहेंगे।