उत्तराखंड में इस साल छह माह में ही 26 से ज्यादा गुलदार और तीन बाघ मारे गए हैं। यानी, हर सातवें दिन एक गुलदार की मौत हो रही है, जो कि काफी चिंताजनक है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में ये सामने आया है। गुलदारों और बाघ की मौत में यूपी उत्तराखंड से भी आगे है।
राज्य में बड़ी संख्या में गुलदार हैं, जोकि यहां मानव-वन्यजीव संघर्ष के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माने जाते हैं। ऐसे में गुलदार सबसे ज्यादा इंसानों के निशाने पर रहते हैं। इसी के चलते इस साल यहां अब तक 26 से ज्यादा गुलदार मारे गएं। तीन बाघ भी मारे गए। यूपी में अब तक 30 गुलदार मारे गए हैं।
बाघ वहां भी तीन ही मरे। इसी तरह दिल्ली बाघ और गुलदार के लिए इस साल सबसे सुरक्षित रही। जहां एक भी मौत दोनों में से किसी की नहीं हुई। बिहार में एक बाघ और एक गुलदार की मौत हुई। देश भर में इस साल 290 गुलदारों की मौत हुई है। जबकि बाघ देश भर में अब तक 82 बाघ मारे गए।