-गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का है शास्त्र: स्वामी ज्ञानानंद
हरिद्वार। हरिद्वार के संत बाहुल्य क्षेत्र भीमगोड़ा में आज श्री कृष्ण कृपा धाम आश्रम में कृष्ण कृपा सेवा समिति के द्वारा आयोजित कुंभ शिविर का उद्घाटन जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ,उदासीन संप्रदाय के महामंडलेश्वर गुरु शरणानंद महाराज गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया
इस अवसर पर अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह का तीनों संतो ने माला पहनाकर और शॉल ओढाकर सम्मान किया तीनों संतो ने कहा कि बैरागी कैंप में गुरुवार को जो घटना अपर कुंभ मेला अधिकारी के साथ घटी है उसका धर्म जगत में कोई स्थान नहीं है जो निंदनीय है तीनों संतो ने अपर कुंभ मेला अधिकारी सरदार हरवीर सिंह की कुंभ में दी जा रही सेवाओं की जमकर तारीफ की और उन्हें ऋषि की संज्ञा दी जो अपने कर्म को निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं।
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में कुंभ का बहुत महत्व है, ये विश्वास, आस्था, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन का सबसे बड़ा पर्व है। ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है।
गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का शास्त्र है। यह कर्म, ज्ञान, युद्ध, यज्ञ आदि विषयों की विस्तृत व्याख्या कर आम लोगों की अज्ञानता दूर करती है। महाकुम्भ में गीता का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ताकि जन-जन तक गीता के ज्ञान को पहुंचाया जा सके।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि श्री कृष्ण कृपा धाम आश्रम में कुंभ शिविर में रोजाना गीता के विभिन्न अध्यायों पर चिंतन मनन और मंथन होगा इसके अलावा समाज के हर वर्ग से गीता अध्ययन मनन से क्या लाभ होगा इस पर भी विचार किया जाएगा उन्होंने कहा कि गीता ऐसा ग्रंथ है जो मानव को नई दिशा देता है और मानव को अवसाद से दूर कर कर्म के लिए प्रेरित करता है उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर गुरु शरणानंद महाराज और उनके कुंभ पंडालों का उद्घाटन शनिवार तीन अप्रैल को सप्त सरोवर क्षेत्र में होगा
उदासीन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रमन रेती वृंदावन के विख्यात संत स्वामी श्री गुरु शरणानंद महाराज ने कहा कि गीता ने पूरे विश्व को एक नई दिशा दी है जो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से प्रकट हुई और जिसने पूरे विश्व को कर्म प्रधान बनाया और योग की ध्यान की नई नई दिशाएं मानव कल्याण के लिए प्रदान की उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन कर समाज को एक नई दिशा दी है
इस अवसर पर जयराम आश्रम के संचालक ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर अपूर्वानंद महाराज, लोकेश दास, शक्ति महाराज, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा, महिंद्र शिमला, राकेश, जगदीश लाल पहावा, कथा वाचक अरुणेश मिश्रा, अशोक चावला, चांद गिरि, सुभाष गुप्ता, प्रमोद गिरि आदि उपस्थित थे।