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• Fri, 5 Apr 2024 4:43 pm IST


सैन्य सम्मान के साथ शहीद संजय को दी गई अंतिम विदाई


श्रीनगर: खिर्सू के ग्राम पंचायत धरीगांव के कुसली गांव के रहने वाले सेना के जवान संजय रावत का लद्दाख में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था. जिसके बाद आज उनका पार्थिव शरीर उनके गृह जनपद पहुंचा. अंतिम दर्शन के बाद श्रीनगर के आईटीआई घाट पर जवान संजय रावत को नम आंखों से सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी गई. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में उनके गांव और श्रीनगर के लोग मौजूद रहे.

जवान संजय रावत के अंतिम संस्कार के दौरान पूरा घाट भारत माता की जयकारों से गूंज उठा. संदीप के जयकारे भी फिजाओं में गूंजते रहे. संजय रावत के अंतिम संस्कार के लिए सेना की एक टुकड़ी भी लैंसडाउन से श्रीनगर पंहुची. प्रशासनिक अमले के साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने भी संजय रावत को सलामी दी.

बता दें भारतीय सेना के सैनिक संदीप रावत कुसली गांव के मूल निवासी थे. संदीप के पिता का नाम राजेंद्र सिंह रावत व माता का नाम रामेश्वरी रावत है. संदीप रावत पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में अव्वल थे. देश सेवा की भावना के चलते संदीप रावत गढ़वाल राइफल में भर्ती हुये. संजय रावत बीते 13 साल से भारतीय सेना में सेवा दे रहे थे. वह इन दिनों 14 गढ़वाल राइफल में सेवारत रहते हुए लेह-लद्दाख में तैनात थे.

संजय के पिता ने राजेंद्र सिंह रावत ने बताया सेना से संदेश आया कि संजय को बीते 3 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान लेह-लद्दाख में हार्ट अटैक आया. जिस कारण उसका निधन हो गया है. उन्होंने बताया वीर सैनिक बेटे के आकस्मिक निधन से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट आया है. उन्होंने बताया संजय की एक पांच साल की बेटी है और एक छह माह का बेटा है. पत्नी मोनिका रावत गृहणी है. उसके पिता ने बताया कि वे खुद भी सेना में लांस नायक के पद पर से सेवानिवृत्त हुए हैं. संजय का छोटा भाई धीरेंद्र सिंह भारतीय सेना का हिस्सा है.