टिहरी: कुली बेगार आंदोलन के 100 वर्ष पूरे होने और आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कौमी एकता, आपसी भाईचारा, सामाजिक सौहार्द, जातीय और धार्मिक सद्भाव के संदेश को लेकर चल रही सद्भावना यात्रा 30वें दिन नई टिहरी पहुंची। यात्रा में शामिल लोगों ने पलायन, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर गंभीर चिंता जताई।बीती आठ मई को हल्द्वानी से शुरू हुई सद्भ्रावना यात्रा सोमवार को नई टिहरी पहुंची। एक निजी बारातघर में यात्रा के संयोजक भुवन पाठक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 30 तीनों में सद्भावना यात्रा से जुड़े लोगों ने प्रदेश के विभिन्न गांवों, नगरों और कस्बों का भ्रमण कर लोगों से रूबरू हुए। बताया सबसे खराब स्थिति पहाड़ के गांवों की है, अधिकांश गांव पलायन के चलते खाली हो गए हैं। जिन गांवों में लोग रह रहे हैं, वहां भी समित मात्रा में खेती-बाड़ी कर रहे हैं। बताया बंदरों, सूअरों और भालू के डर से अधिकांश ग्रामीणों ने खेती करना छोड़ दिया है। कस्बों और शहरों में पॉलीथिन और कचरे के ठेर लगे हैं। राज्य बनने के 22 साल बाद भी पंचायत भवनों, यात्री विश्राम गृह और प्राथमिक विद्यालयों के भवनों की स्थिति खराब है।