तहसील धारचूला के जुम्मा गांव में मलबे में अब जिंदगी के आसार नहीं रह चुके हैं। ग्रामीण भी इसकी उम्मीद छोड़ चुके हैं। ग्रामीणों और ग्राम प्रधान के अनुरोध पत्र पर जुम्मा गांव में खोज एवं बचाव कार्य बंद कर दिया गया है। खोज एवं बचाव कार्य में जुटे दल वापस लौट चुके हैं। मार्ग बंद होने के चलते हेलीकॉप्टर से राहत कार्य जारी है। जुम्मा गांव में बीते दिनों बादल फटने से तीन मकान ध्वस्त हो गए थे। सात जिंदगियां मलबे के ढेर में दब गई। हादसे के बाद खोज एवं बचाव कार्य चला। घटना के 24 घंटे के भीतर खोज एवं बचाव के दौरान पांच शव मिले जिसमें तीन सगी बहने भी शामिल थी। दो लोग चंद्र सिंह और हजारी देवी की तलाश जारी रही। मौके पर एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट बांके बिहारी और एसी राजीव कुमार के नेतृत्व में 26 जवान, निरीक्षक एनडीआरएफ अखिलेश प्रताप के नेत्त्व में 26 जवान, दो खोजी कुत्ते, एसडीआरएफ के एसआइ मनोहर के नेतृत्व में छह जवानों ने खोज अभियान चलाया।