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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 28 Feb 2022 12:06 pm IST


चूहों पर हुए अध्ययन से खुला बार-बार नींद टूटने का राज


अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि रात में बुजुर्गों की नींद बार-बार क्यों खुलती है, इसका पता लगा लिया गया है। उम्मीद है कि इस खोज से बेहतर दवाएं बनाने में मदद मिलेगी।अध्ययन के मुताबिक, स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लुईस डे लेसिया ने बताया कि 65 साल से अधिक उम्र वाले आधे से ज्यादा लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें अच्छी नींद नहीं आती। उन्होंने कहा कि नींद खराब होने का संबंध सेहत के अन्य कई पहलुओं से है। इनमें हाइपरटेंशन से लेकर हार्ट अटैक, डायबिटीज, डिप्रेशन और अल्जाइमर तक शामिल हैं।

उम्र बढ़ने के साथ दवाओं का असर हो जाता है कम- प्रो. लुईस डे लेसिया ने बताया कि नींद न आने की स्थिति में जो दवाएं दी जाती हैं, उन्हें हिप्नोटिक्स की श्रेणी में रखा जाता है। इनमें एंबियन भी शामिल हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ इन दवाओं का असर भी कम होता जाता है। 

चूहों पर किया अध्ययन- प्रो. लेसिका ने बताया कि उनकी टीम ने तीन से पांच महीने के और 18 से 22 महीने के चूहों के दो समूह बनाए। इसके बाद उन्होंने फाइबर के जरिए प्रकाश का इस्तेमाल मस्तिष्क के कुछ न्यूरोन्स को उत्तेजित करने के लिए किया। इमेजिंग तकनीक किया और पाया कि ज्यादा उम्र के चूहों ने युवा चूहों के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा हाइपोक्रेटिन्स गंवाए। साथ ही बुजुर्ग चूहों में जो हाइपोक्रेटिन बचे थे वे बहुत आसानी से उत्तेजित किए जा सकते थे। यानी जीवों के जगाए रखने की संभावना बढ़ाते थे।