अल्मोड़ा : सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का पटाल बाजार जल्द ही फिर से अपने पुराने स्वरूप में नजर आएगा जिसकी कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए उनतालीस करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी गई है जिसके शीघ्र स्वीकृत होने की उम्मीद है। इसके बाद ऐतिहासिक बाजार में टाइल्स की जगह इसकी पुरानी पहचान वाली पारंपरिक पटाल फिर से नजर आएगी।पटाल बाजार का नाम यहां बिछे पारंपरिक पटालों के नाम पर रखा गया। ये पटाल पर्वतीय संस्कृति की विशिष्ट पहचान थे लेकिन बदलते दौर के साथ इन पटालों पर भी आधुनिकता हावी हुई। साल 2004 में पारंपरिक पटालों को हटाकर यहां कोटा स्टोन लगा दिया गया जिससे इस बाजार की रौनक और पहचान खो गई। वहां पटालों की जगह कोटा स्टोन की स्लेट नजर आती है। अब केवल पटाल बाजार का नाम ही बचा है।अब फिर से इस ऐतिहासिक बाजार को पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू हो गई है। टाइल्स की जगह यहां फिर से पटाल नजर आएंगे। इसके लिए प्रशासन ने उनतालीस करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है। स्वीकृति मिलते ही यहां टाइल्स की जगह पटाल बिछाने का काम शुरू होगा।