देहरादून : बदरीनाथ हाईवे पर गंगा के उस पार एक अन्य समानांतर वैकल्पिक मार्ग का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मार्ग बन जाने से जहां हरिद्वार-ऋषिकेश में जाम की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं पौड़ी जिले के गांव सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे। आपदा की स्थिति में मुख्य मार्ग (एनएच-58) के बंद हो जाने से यह मार्ग यात्रा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।वैकल्पिक मार्ग के यह तीन विकल्प शासन के निर्देश पर पौड़ी जिला प्रशासन ने सुझाए हैं। मार्ग का सर्वे करनेे के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपी जा चुकी है। पहले विकल्प के तौर पर 87 किमी लंबाई के नए मार्ग का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से 50 किमी सड़क पहले से बनी है, जबकि 32 किमी नई सड़क प्रस्तावित की गई है।यह मार्ग बदरीनाथ हाईवे (एनएच-58) पर ऋषिकेश से 26 किमी आगे माला नामक स्थान से शुरू होगा। यहां 150 मीटर स्पान का एक पुल बनाना पड़ेगा। इसके बाद यह मार्ग माला से सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा।दूसरे विकल्प के तौर पर 95 किमी नई सड़क को प्रस्ताव किया गया है। इसमें से भी करीब 50 किमी सड़क पहले से बनी है, जबकि 45 किमी नए मार्ग का निर्माण करना होगा। यह मार्ग फूलचट्टी से शुरू होगा। इसके लिए हेवल नदी पर 150 मीटर स्पान का एक पुल बनाना होगा। यह मार्ग फूलचट्टी से माला, सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा।तीसरे विकल्प के रूप में हरिद्वार के चंडीघाट पुल से श्रीनगर तक कुल 137 किमी सड़क प्रस्तावित की गई है। इसमें से भी करीब 50 किमी सड़क पहले से बनी है, जबकि 56 किमी नई सड़क बनाई जानी है। इस मार्ग पर तीन पुल बनाने होंगे। चंडीघाट से दो किमी पूर्व दक्षिण में काली मंदिर से सिरासू तक लगभग 55 किमी ऐलीवेटेड रोड होगा। यह मार्ग भी चंडीघाट पुल से सिरासू, माला, सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा। तीनों ही विकल्पों में पूरा इलाका पौड़ी जिले में पड़ता है।