रुद्रप्रयाग-केदारनाथ धाम में इस वर्ष आराध्य की पूजा-अर्चना 174 दिन होगी। अधिकमास के कारण अवधि कम हुई है। बीते 17 मई को कपाटोद्घाटन के साथ ही धाम में विधि-विधान के साथ धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। बाबा भैरवनाथ के कपाट खुलने के साथ ही भगवान की सायंकालीन आरती भी शुरू हो गई है। केदारनाथ धाम को वैराग्य पीठ के साथ जागृत पीठ के रूप में जाना जाता है। सदियों वर्ष पुराने इस मंदिर का नौंवी सदी में आदिगुरू शंकराचार्य ने जीर्णोद्धार किया था। धाम को लेकर कई प्राचीन किवदंतियां भी हैं। इस वर्ष भी वैश्विक महामारी कोरोना के चलते यात्रा स्थगित की गई है, जिस कारण बीते सोमवार को धाम में कपाटोद्घाटन सूक्ष्म रूप से किया गया। अब, 174 दिन तक आराध्य की पूजा-अर्चना धाम में होगी। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक अधिकमास के कारण इस वर्ष तीज, त्योहार बीते वर्ष की अपेक्षा 11 से 19 दिन पीछे चले गए हैं। साथ ही कई महत्वपूर्ण तिथियों में भी अंतर आया है। ऐसे में केदारनाथ यात्रा की अवधि भी कम हुई है। वर्ष 2014 से अभी तक यह पहला मौका है, जब यात्रा 17 मई से शुरू हुई है।