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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 19 Jun 2022 7:30 pm IST

मनोरंजन

अपने बयान पर साईं पल्लवी ने दी सफाई, कहा- "मेरा मानना ​​है कि किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा पाप है"


हाल ही में राणा दग्गुबाती स्टारर फिल्म विराट पर्वम का प्रचार कर रही साईं पल्लवी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आ गईं थीं। अभिनेत्री ने प्रसिद्ध फिल्म द कश्मीर फाइल्स के बारे में बात की थी और इसकी तुलना गाय की हत्या की घटना से की थी। जो कोविड​​​​-19 के दौरान हुई थी। उन्होंने पूछा था कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ और इस घटना में जो हुआ, दोनों में धर्मिक संघर्ष के मद्देनजर अंतर कहां है।  

उनके बयान के बाद, ऑनलाइन कई यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया और यह दावा करने वाली रिपोर्ट भी आई कि अभिनेत्री के खिलाफ उनके बयान के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि साई ने अब अपने बयान पर सफाई देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है।

साईं पल्लवी ने बयान पर सफाई देने के लिए इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया और यह भी कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। वह इस बात पर अब भी कायम रही कि उनका मानना ​​है कि धर्म के नाम पर हिंसा हमेशा पाप रहेगी। उन्होंने कहा "यह पहली बार है, जब मैं अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोच रही हूं क्योंकि मुझे चिंता है कि मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से उनकी फिल्म के बारे में बात की थी और इसने उन्हें काफी परेशान कर दिया था। उन्होंने कहा कि उस त्रासदी को डिमीन नहीं कर रहीं हैं लेकिन वे मॉब लिंचिंग की उस घटना को भी कभी नहीं भूल सकतीं। साईं ने यह भी बताया कि कैसे लोग भीड़ की घटना का बचाव करते रहे। उसने आगे कहा, "यह देखना बहुत परेशान करने वाला था कि ऑनलाइन कई लोग मॉब लिंचिंग की घटना को सही ठहराते हैं, और मुझे नहीं लगता कि हममें से किसी को भी किसी अन्य व्यक्ति की जान लेने का अधिकार है।"

उन्होंने उन सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस कठिन समय में उनका साथ दिया। "मैं इस अवसर पर उन लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो पिछले कुछ दिनों में मेरे साथ खड़े रहे क्योंकि मुझे याद है कि मैंने बहुत अकेला महसूस किया और यह सोचकर संघर्ष किया कि मैंने क्या गलत किया है। ये देखकर बहुत खुशी हुई कि बहुत सारे लोग मेरी आवाज में आपकी आवाज उठाते हैं। मेरे समर्थन में और मुझे लगा जैसे वे मुझे जानते हैं कि मैं कौन हूं। इसलिए मुझे यह महसूस कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद कि मैं अकेली नहीं थी