सूर्यकुमार यादव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मैच में भी यही किया. जो सूर्यकुमार यादव वर्ल्ड कप के फाइनल में बुरी तरह फेल रहा, जिसने उस टूर्नामेंट में 20 से कम की औसत से रन बनाए वहीं यही खिलाड़ी जब पहले टी20 में उतरा तो उसने छक्के-चौकों की बरसात करते हुए 42 गेंदों में 80 रन कूट दिए. सूर्यकुमार यादव के वनडे में फेल और टी20 में हिट होने की वजहें जाननी बेहद जरूरी है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर सूर्यकुमार यादव के साथ मसला क्या है?
बैटिंग नंबर : सूर्यकुमार यादव की टी20 में कामयाबी की सबसे बड़ी वजह उनका बैटिंग नंबर है. आप यकीन मानें चाहे कोई भी बल्लेबाज कितना भी कहे कि वो टीम के लिए किसी भी नंबर पर खेलने को तैयार है लेकिन कहीं ना कहीं एक नंबर ऐसा जरूर होता है जहां वो काफी ज्यादा सहज होता है. एक ऐसा बैटिंग नंबर जहां वो रनों की बरसात करता है.
टीम की रणनीति का प्रेशर : वनडे और टी20 क्रिकेट में टीम की रणनीति काफी अलग होती है. सूर्यकुमार यादव के लिए वनडे क्रिकेट में फिनिशर की भूमिका तय की गई है. एक इंटरव्यू में सूर्या ने बताया था कि टीम इंडिया उनसे चाहती है कि वो कम से कम 40 से 50 गेंद खेलें. बस इसी रणनीति को अमलीजामा पहनाने के फेर में सूर्यकुमार यादव से वनडे क्रिकेट में गलती हो रही है. टी20 क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव क्रीज पर जाकर खुद को जाहिर करते हैं. वो पहली गेंद से ही बाउंड्री मारने की कोशिश करते हैं नतीजा उनके बल्ले से रन निकलते हैं. वनडे क्रिकेट में उनके लिए ऐसा करना मुश्किल हो रहा है. अब अगर टीम इंडिया उन्हें वनडे में पहली गेंद से टी20 मोड में खेलने के लिए कहेगी तो सूर्या के बल्ले से आप रनों की बरसात जरूर देखेंगे.
टी20 क्रिकेट अलग खेल है :
टी20 क्रिकेट में गेंदबाजों की मानसिकता अलग होती है. वो पहली गेंद से रन बचाने के लिए जाते हैं और जाहिर तौर पर उनकी लाइन और लेंग्थ अलग होती है. उनकी रणनीति अलग होती है और इसीलिए सूर्यकुमार यादव उसमें बिल्कुल फिट बैठते हैं. वनडे क्रिकेट थोड़ा लंबा फॉर्मेट है और वहां गेंदबाज टी20 से ज्यादा निडर होकर गेंदबाजी करते हैं. वहीं सूर्यकुमार यादव भी अपने गेम से अलग तरह से खेलने की कोशिश करते हैं और यही वजह है कि दोनों फॉर्मेट्स में उनके प्रदर्शन में इतना अंतर है.
कॉन्फिडेंस की कमी : टी20 क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव ने काफी रन बनाए हैं नतीजा जब भी वो इस फॉर्मेट में खेलने उतरते हैं तो उनके अंदर रन बनाने का एक अलग आत्मविश्वास होता है. वहीं वनडे क्रिकेट में चूंकि वो काफी फ्लॉप हो चुके हैं इसलिए उनके दिमाग में एक और बार फेल होने का डर बैठा रहता होगा और यहीं उनसे गलती होती है. कुल मिलाकर वनडे क्रिकेट में कॉन्फिडेंस की कमी के चलते सूर्या को दिक्कतें आ रही हैं.