Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 12 Sep 2024 5:05 pm IST


जिला अस्पताल मे टपकती छत के नीचे हो रहा है मरीजों का इलाज, करंट फैलने का खतरा


पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के दावे तो खूब हो रहे हैं, लेकिन सबसे बड़े जिला अस्पताल में मरीज टपकती छत के नीचे इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। छत टपकने से वार्डों में भर्ती मरीज परेशान हैं। स्वास्थ्य कर्मियों को भी दिक्कत हो रही है।

जिला अस्पताल में हर रोज विभिन्न हिस्सों से 800 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। यहां वार्डों और बरामदों में 150 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया है। वर्ष 1967 में बना अस्पताल भवन जर्जर हो चुका है। छत की टिन सड़ गल चुकी हैं और पानी वार्डों में टपक रहा है। बुधवार शाम से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से अस्पताल की छत टपकने से मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कतें हुईं। मरीज और तीमारदार छत के नीचे बर्तन लगाकर पानी को बिस्तर में पहुंचने से रोकने की कोशिश में जुटे रहे। जगह-जगह पानी घुसने से स्वास्थ्य कर्मियों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 

दीवारों पर सीलन से बढ़ा करंट फैलने और संक्रमण का खतरा
जिला अस्पताल के बरामदे और वार्डों में छत से पानी टपकने से दीवारों में सीलन आ चुकी है। दीवारों पर बिजली के स्विच और बोर्ड लगे हैं। ऐसे में सीलन के चलते करंट फैलने का भी खतरा बना हुआ है। वहीं ऑपरेशन के बाद भर्ती मरीजों में संक्रमण फैलने का भी खतरा है।
छत के सुधारीकरण की कार्यवाही फाइलों में सिमटी
अस्पताल प्रबंधन ने टपकती छत के सुधारीकरण के लिए आरईएस और प्रशासन को पत्र भेजकर आगणन तैयार करने का आग्रह किया था। दो महीने से यह पत्र सरकारी फाइलों में सिमटा है। कब आगणन तैयार होगा और कब बजट स्वीकृत होने के बाद छत का सुधारीकरण होगा।

अस्पताल भवन की छत जर्जर हो चुकी है। आगणन तैयार करने के लिए आरईएस और प्रशासन को पत्र भेजा गया है। आगणन तैयार होने के बाद ही बजट की मांग की जाएगी। निश्चित तौर पर छत के सुधारीकरण की जरूरत है।