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• Tue, 21 May 2024 3:54 pm IST


मुश्किल में उत्तराखंड के छात्रों का भविष्य ,बिना शिक्षको के चल रही पढ़ाई


पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पहाड़ों में बिना शिक्षक के हीं छात्रों की पढ़ाई चल रही है. परेशान छात्र अब खुद अपने भविष्य को बचाने आगे आएं हैं. अब ऐसे में छात्रों का भविष्य कैसे बनेगा? ये सोचने वाली बात है. दरअसल,उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी इलाकों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकारी स्कूल खोले गए. समय के साथ इन स्कूलों के माहौल भी बेहतर होते जाना था, लेकिन हुआ इसका उल्टा. धीरे-धीरे पहाड़ के सरकारी स्कूलों के हालत खस्ताहाल होते जा रहे हैं.

जिन स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है वहां कैसे बच्चे अपना सुरक्षित भविष्य बनाएंगे ये सवाल उठना लाजमी है. बात अगर पिथौरागढ़ जिले की करें तो यहां 400 से ज्यादा स्कूल एक टीचर के सहारे चल रहे हैं. इन्हीं में से एक स्कूल है धारचूला विकासखंड का सेलमा रान्थी प्राथमिक विद्यालय, जहां विगत 3 सालों से एक शिक्षा मित्र के सहारे 26 बच्चों का भविष्य है.जब कभी शिक्षा मित्र विभागीय कामों से बाहर जाती हैं तो स्कूल बंद करना पड़ता है. अब ऐसी स्थिति में बच्चों के भविष्य पर असर तो पड़ेगा ही. क्योंकि जब उनकी प्रारंभिक शिक्षा ही अधूरी रह जाती है, तो ऐसी स्थिति में वह आगे की पढ़ाई को बेहतर कैसे बना पाएंगे?
ये तो था पिथौरागढ़ जिले का सेलमा गांव का स्कूल जिसकी सूचना लोकल 18 को मिली ऐसे जिले में 400 विद्यालय हैं.जहां सिर्फ एक ही टीचर कार्यरत है. अब ऐसे में पहाड़ में रहने वाले छात्रों के भविष्य पर कितना गहरा असर पड़ता होगा ये ध्यान देने वाली बात है.