हल्द्वानी: रानीबाग रेस्क्यू सेंटर से पली-बढ़ी शिखा एक बार फिर से जू से सेंटर पहुंच चुकी है। नवंबर से अब तक दूसरी बार उसने खुद को घायल कर लिया। इसलिए रानीबाग सेंटर में इलाज किया जा रहा है। वन विभाग का कहना है कि पंजे चोट की वजह से उसे यहां लाया गया है। पूरी तरह ठीक होने पर फिर चिडिय़ाघर शिफ्ट किया जाएगा।
चार माह की उम्र तराई पूर्वी वन प्रभाग की किशनपुर रेंज से शिखा को रेस्क्यू कर सेंटर में लाया गया था। उसके बाद से उसे यही पाला गया। डॉक्टरों व यहां के स्टाफ संग उसका व्यवहार पूरी तरह दोस्ताना था। पिछले साल अक्टूबर में उसे नैनीताल चिडिय़ाघर भेज दिया गया। जहां कुछ दिनों बाद उसने खुद को चोट मार दी। अफसरों का कहना था कि नाखून लगने से दूसरे पंजे में चोट लगी थी। वहीं, रेंजर बीएस मेहता ने बताया कि कुछ दिन पहले शिखा के उसी पंजे में दोबारा जख्म हो गया। जिस वजह से उसे उपचार के लिए सेंटर भेज दिया गया। जहां लगातार उसकी चोट में सुधार आ रहा है।