हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री बालकृष्ण की धर्म माता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती की गुरु बहन सुभद्रा मां आज श्री रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम मैं उपचार के दौरान ब्रह्मलीन हो गई। उन्होंने अंतिम सांस रामकृष्ण मिशन चिकित्सालय में ली सुभद्रा मां 89 वर्ष की थी और वे कई वर्षों तक हिमालय क्षेत्र के तपोवन में कठोर तपस्या करती रही। उन्हें तपोवन से आचार्य बालकृष्ण अपने साथ कनखल दिव्य योग मंदिर लेकर आए और उनकी धर्म माता के रूप में सेवा की वे कुछ महीनों से बीमार थी। आचार्य बाल कृष्ण और स्वामी रामदेव उनसे मिलते रहते थे सुभद्रा मां को कल शुक्रवार को उत्तरकाशी जिले के गंगोरी क्षेत्र में असी गंगा घाट के पास स्थित आश्रम में भू समाधि दी जाएगी सुभद्रा मां का संन्यासी पूर्व नाम वारिजा था और वे मूल रूप से कर्नाटक के उडुपी की रहने वाली थी संन्यास दीक्षा के बाद वे हिमालय भ्रमण में आई और यहीं की होकर रह रही। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती उनके अंतिम संस्कार में पहुंचेंगी अपनी गुरू बहन को भावुकता से याद करते हुए उमा भारती ने कहा कि वह महान संत थी और उच्च कोटि की तपस्वी थी और उनका मन बहुत उदार था। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि मां सुभद्रा उन्हें हिमालय क्षेत्र में मिली थी और उन्हें वे अपने साथ हरिद्वार कनखल लेकर आए भावुक होते हुए आचार्य श्री ने बताया कि वे उन्हें मां की तरह बहुत प्यार दुलार देती थी और वे तपस्वी संत थी उनकी पूर्ति कभी नहीं की जा सकती। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि मां सुभद्रा एक उच्च कोटि की संत थी और एक साधक की तरह उनमें मातृ भाव कूट-कूट कॉल भरा था।