हल्द्वानी में पूर्वी गदगदिया बिट में हुई फायरिंग के दौरान वन कर्मी जंगल में अपनी जान बचाने के लिए पैदल भाग खड़े हुए। उधर दो घंटे बाद पांच वनकर्मी वन रेंज कार्यालय पहुंच गए। उधर एक वन दरोगा जंगल में गायब हो गए। जब ये सूचना वनाधिकारियों को लगी तो छह रेंज की टीम वन दरोगा को ढूंढ़ने में लगी रही। बुधवार छह बजे जब वन दरोगा भटकते हुए मोबाइल सिग्नल की रेंंज में पहुंचे। तब वन कर्मी उनके पास पहुंची। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।गदगदिया रेंज के गश्ती दल ने जब वन कर्मियों को ले जाते हुए देखा तो उन्होंने वाहन को उधर घुमा लिया। वन विभाग के वाहन को देखते ही तस्करों ने फायर करने शुरू कर दिए। वन विभाग के गश्ती दल में चालक सहित छह वन कर्मी थे। चालक को छोड़कर सभी गाड़ी से उतरकर पेड़ों के पीछे छिप गए।
तस्करों की फायरिंग जब नहीं रूकी तो वन कर्मियों ने जवाब में दो फायर किए। इसके बाद बेखौफ तस्करों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जान बचाने के लिए चालक गाड़ी लेकर भाग निकला। उधर गश्ती दल के सदस्य जंगल में भाग गए। चार वन कर्मी जंगल को जानते थे। इस कारण वे दो घंटे बाद गदगदिया रेंज कार्यालय पहुंच गए।उधर पहाड़ से स्थानांतरण होकर आए वन दरोगा आनंद पंत को जंगल की जानकारी नहीं थी। वह जंगल में फंस गए। जब वह काफी देर तक नहीं पहुंचे। तो वन कर्मियों ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दी। देर रात करीब एक बजे अलग-अलग रेंज की छह टीमें हथियारों के साथ जंगल मे घुसी। वन दरोगा को बहुत तलाश किया लेकिन नहीं मिला। सुबह करीब सात बजे जब आनंद पंत मोबाइल सिंगनल में आए तो उनका संपर्क अधिकारियों से हुआ। उन्होंने अपनी लोकेशन भेजी। तब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम उन्हें जंगल से निकालकर रेंंज कार्यालय लाई।