बादल फटने से बुरी तरह प्रभावित जुम्मा गांव की एक गंभीर महिला रोगी को अस्पताल लाने के लिए हेलीकॉप्टर नहीं मिला। जिसे लेकर जनता में आक्रोश व्याप्त है। एसएसबी के सहयोग से स्वजन वाहन से महिला को धारचूला लाए। बेहोश महिला दो घंटे धूप में पड़ी रही। जुम्मा गांव के सबसे ऊंचाई पर स्थित नाग तोक निवासी विरमा देवी पत्नी बीरबल सिंह बीमार थी। रविवार को उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई । उसे सांस लेने में दिक्कत थी और वह बेहोश हो गई। ग्रामीण आपदा से क्षतिग्रस्त मार्ग पर आठ किमी पैदल चल कर उसे एसएसबी हेलीपैड कूला तक लाए। सूचना एसडीएम एके शुक्ला को दी गई। एसडीएम ने हेलीकॉप्टर के पायलट को कहा, परंतु पायलट बीमार को लाने के लिए नहीं गया। महिला दो घंटे तक कूला में बेहोशी की हालत में रही। एसएसबी द्वारा उसे मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए मदद की गई। जहां से ग्रामीणों ने टैक्सी से उसे धारचूला पहुंचाया। गनीमत रही कि रविवार को तवाघाट मार्ग खुलने से उसे धारचूला पहुंचाया जा सका मार्ग बंद होने पर धारचूला पहुंच पाना भी संभव नहीं होता। महिला को सीएचसी में भर्ती किया गया है जहां पर उपचार चल रहा है।