मेरठ: मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में शनिवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन, प्रादेशिक आयुर्वेद समेल्लन एवं एक जिला-एक उत्पाद प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इसमें देशभर के 300 से अधिक आयुर्वेदाचार्य और 1200 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस कार्यक्रम में एक ही मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप राष्ट्रपति व सभापति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं, जो मेरठ के लिए एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। इस आयुर्वेद पर्व में पतंजलि से प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण भी शामिल हुए।
इस अवसर पर मंच से अपने संबोधन में उप राष्ट्रपति धनखड़ ने मंच से हंसते हुए कहा कि यहां आने से पहले मेरी मुलाकात योग गुरु रामदेव से हुई। मुझे उन्होंने गुस्से को दूर करने के लिए कुछ योग बताए थे। उनसे मैंने कहा कि ऐसा योग बनाइए कि संसद की गरिमा बनी रहे। उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे किसान पुत्र कहा और यह मेरे लिए गौरव की बात है। आज में उसी चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में आया हूं। इससे मैं गदगद हूं...।"
आयुर्वेद का महत्व सभी समझ चुके हैं: सीएम योगी
वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ
ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद का महत्व सभी समझ चुके हैं। अब उत्तर
प्रदेश में अपना आयुष विश्वविद्यालय है। मैंने एक बार आयुर्वेद के 100 छात्रों से पूछा
कि आयुर्वेद में क्यों आए हो? तो उन्होंने कहा- एलोपैथी में प्रवेश नहीं मिला, इसलिए मजबूरन
आयुर्वेद में आए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि आयुर्वेद की शिक्षा यानी 'डिग्री एक, काम अनेक'। एक बीएमएस डॉक्टर कई प्रकार से रोजगार पा सकता है। आयुर्वेद
डॉक्टर्स के लिए आज सरकारी नौकरी है। वे चाहें तो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोल सकते
हैं। आयुष का चलन फिर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अब
दुनिया में छाने की स्थिति में हैं। आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने बहुत शानदार काम
किया है। सीएम ने मंच से देश के नामचीन वैद्यों का भी नाम लिया। साथ ही मेरठ के
हकीम सैफुद्दीन का भी जिक्र किया।
आयुष मंत्रालय की मदद से स्टार्टअप में जगह बना रहे युवा: राज्यपाल
इससे पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, अब आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। आयुर्वेद ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ के दर्शन पर
आधारित है। भारत, आयुर्वेद का मूल
स्थल है। आज हमारा योग विश्व अपना रहा है। केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय और आयुष
संबंधित तमाम योजनाओं की सहायता से युवा स्टार्टअप में भी आयुर्वेद अब अपनी जगह
बना रहा है।
आयुष मंत्रालय मना रहा आयुर्वेद पर्व
देशभर में आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए ‘आयुर्वेद पर्व’ मनाया जा रहा
है। ये देश के पांच शहरों में होना है, जिसमें से अब तक
तीन शहरों में हो चुका है और मेरठ में चौथा आयुर्वेद पर्व मनाया जा रहा है। इस तीन
दिवसीय महासम्मेलन में वैज्ञानिक गोष्ठियों में विशेषज्ञ छात्र-छात्राओं के सवालों
के जवाब देंगे। वहीं, आयुर्वेद पर्व के
समापन में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल शामिल होंगे। वह महासम्मेलन में
शामिल 50 आयुर्वेदिक कंपनियों को पुरस्कृत करेंगे। आयोजन के सचिव डॉ. ब्रजभूषण
शर्मा के अनुसार, इस महासम्मेलन
में 100 से ज्यादा शोधपत्र पढ़े जाएंगे। साथ ही 10 यूनिवर्सिटीज के छात्र-छात्राएं
व फैकल्टी शामिल होंगे।