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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 3 Mar 2022 4:05 pm IST


क्या टाइप-2 डायबिटीज में बिल्कुल नहीं खानी चाहिए चीनी?


जब हमारे शरीर में पैक्रियाज (अग्नाश्य) इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कम कर देता है या बंद कर देता है तब हमारे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। अगर इस स्तर को कंट्रोल ना किया जाए, तो हम शुगर के रोगी बन जाते हैं। कुछ लोगों में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट के कारण यह बीमारी हो जाती है। इस स्थिति को टाइप-2 डायबिटीज कहते हैं। ऐसे में आपको लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए लेकिन चीनी का सेवन बंद नहींं करना चाहिए। चीनी आपके शरीर में एनर्जी लेवल को बनाए रखती है।आप चाहें, तो शुगर की जगह कुछ चीजें इसके रिप्लेसमेंट में यूज कर सकते हैं- 

स्‍टीविया - स्‍टीविया नेचुरल स्वीटनर है। इसकी पत्तियों में एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं। इसमें आयरन, प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, मैग्‍नीशियम, सोडियम, विटामिन ए, सी जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

सुक्रालोज- सुक्रालोज या स्प्लेंडा टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत कारगर है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सुक्रालोज चीनी की तुलना में अधिक मीठा होता है लेकिन ब्लड शुगर लेवल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

टैगाटोज- टैगाटोज एक नेचुरल स्वीटनर है, जो ब्लड शुगर और इंसुलिन रिएक्शन को कम कर सकता है। टैगाटोज को आप चाय के अलावा किसी भी स्वीट डिश में शामिल कर सकते हैं।

कोकोनट शुगर - कोकोनट पाम शुगर, कोकोनट पाम के पौधे से बनी नेचुरल चीनी है, जिसे रिफाइंड शुगर के लिए एक हेल्दी शुगर के ऑप्शन के रूप में देखा जाता है।

खजूर की चीनी- खजूर से बनी चीनी भी एक हेल्दी ऑप्शन है, जिसे साबुत खजूर से बनाया जाता है लेकिन डायबिटीज के मरीजों को इसका कम सेवन करना चाहिए।