मुंबई: अजित पवार ने चुनाव आयोग में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा जताते हुए बुधवार को लेटर भेजा है। इधर, शरद गुट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार सहित नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। इससे पहले मुंबई में दोनों गुटों की बैठक हुई। अजित ने शरद की उम्र पर तंज कसा तो वहीं, शरद पवार ने उन्हें खोटा सिक्का कहा। बैठक के बाद अजित अपने समर्थक विधायकों को होटल ले गए हैं।
वाईबी चह्वाण सेंटर में बैठक में शरद पवार ने कहा कि जो
शिवसेना के साथ हुआ, वही एनसीपी के साथ हुआ है। अजित पवार के मन में कुछ था तो मुझसे बात
करनी चाहिए थी। सहमति नहीं हो तो बातचीत से हल निकालना चाहिए। अजित की बात
सुनकर अफसोस हुआ। गलती सुधारना हमारा काम है। आपने गलती की है तो सजा भुगतने तैयार
रहें।
जो विचारधारा पार्टी की नहीं है, उसके साथ जाना ठीक नहीं: शरद
उन्होंने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक है। देश का ध्यान इस
पर है। अजित की भूमिका देश हित में नहीं है। मैं सत्ता पक्ष में नहीं हूं। मैं
जनता के पक्ष में हूं। प्रधानमंत्री जब बारामती आए थे तो उन्होंने कहा था कि देश
कैसे चलाना चाहिए, यह मैंने पवार
साहब की ऊंगली पकड़कर सीखा है। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने
भोपाल में कहा था कि NCP ने भ्रष्टाचार
किया है। अगर ये भ्रष्ट हैं तो आपने उन्हें साथ में क्यों लिया? जो मुझे छोड़कर गए हैं, उन्हें विधानसभा में लाने के लिए बहुत मेहनत की है।
कार्यकर्ताओं ने इनके लिए मेहनत की। उनके लिए अफसोस है, जो विचारधारा पार्टी की नहीं है, उसके साथ जाना ठीक नहीं है।
पार्टी के नाम और चिन्ह पर भी बोले
शरद पवार ने आगे कहा, जिन विधायकों ने
अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें
विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। पार्टी
का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। हमें सत्ता में लाने वाले लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमारे
साथ हैं। हम पार्टी का सिंबल किसी को नहीं लेने देंगे। अजित पवार खोटा सिक्का
निकला। वे लोग मेरे फोटो का इस्तेमाल क्यों कह रहे हैं? वो मुझे देवता भी कहते हैं और मेरी बात भी नहीं मानते। जो
लोग भाजपा के साथ गए हैं, उनका इतिहास याद
करो। जो उनके साथ गया, वो सत्ता से
बाहर हुआ।
भाजपा की जहां सत्ता नहीं, वहां दंगे कराती है: शरद पवार
उन्होंने कहा कि नागालैंड, मणिपुर सीमाई राज्य हैं, वहां स्थिरता के
लिए मैं भाजपा के साथ गया। इमरजेंसी में इंदिरा गांधी के खिलाफ माहौल बना
हुआ था, लेकिन शिवसेना ने
सोचा कि हमें देशहित में सोचना चाहिए और शिवसेना ने उनके खिलाफ एक भी उम्मीदवार
नहीं खड़ा किया जाए। देश में कटुता नहीं बढ़े, इसलिए बाला
साहेब ठाकरे ने यह फैसला लिया था। भाजपा का हिंदुत्व बांटने वाला है। जहां सत्ता
नहीं है, वहां दंगे कराती
है।
अजित पवार बोले- आपकी उम्र ज्यादा हो गई, आशीर्वाद दीजिए
इससे पहले बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के एमईटी सेंटर में हुई मीटिंग
में अजित पवार ने कहा कि आपकी (शरद पवार की) उम्र अधिक हो गई है। राज्य सरकार के
कर्मचारी 58 साल में, केंद्र के 60 साल में, बीजेपी में 75
साल में रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन आप 84 साल के हैं। अब आप आशीर्वाद
दीजिए। उन्होंने कहा कि आपने पहले इस्तीफा दिया, फिर कमेटी बनाई
और सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। जब इस्तीफा वापस लेना ही था तो
दिया ही क्यों था? मैं भी राज्य का
मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना
जरूरी है। तभी मैं महाराष्ट्र की भलाई कर पाउंगा।
अजित पवार ने कहा, 2004 के
विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस
से ज्यादा विधायक थे, अगर हमने उस समय
कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता तो आज तक महाराष्ट्र में केवल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता। 2024 के चुनाव
में भी मोदी जी ही आएंगे। मुझे ऐसा लगता है। काम करने के लिए पद होना चाहिए। 2004
में एनसीपी का आंकड़ा 71 था।
मैं उसे इसके आगे ले जाउंगा। हमें भी सभा लेनी होगी अगर मैं चुप बैठा तो लोग
सोचेंगे कि इसमें कुछ खोट है। मुझमें खोट नहीं है। हम इतने दिन साहब
की छाया में थे, लेकिन हम सबका अपना भी एक मत है। हमें शिवाजी के सपने को
साकार करना है। हमने हर बार साहब का साथ दिया। दोस्तों सभी का समय होता है। नेता
ने जब-जब जैसा बोला हमने किया। आज जो कुछ भी हूं, साहब की वजह से
ही हूं।