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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 22 Mar 2023 9:00 pm IST


दूध में मेलामाइन मिलाने की खबरों का डेयरी विभाग ने किया खंडन, आंचल डेयरी करेगा रीसैंपलिंग की अपील


जनवरी में आंचल डेयरी प्लांट से दूध के 9 सैंपल क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला भेजे गए थे. जिसमें आंचल गोल्ड ब्रांड के पैक्ड दूध के सैंपल में 0.08 अधिक पीपीएम मेलामाइन की पुष्टि हुई थी. जिसको लेकर डेयरी विकास विभाग ने आंचल डेयरी के दूध की गुणवत्ता पर उठे सवालों का खंडन किया है.डेयरी विकास विभाग के संयुक्त निदेशक और यूसीडीएस के एमडी जयदीप अरोड़ा ने बताया कि खाद्य पदार्थों में मेलामाइन की मात्रा 2.5 अधिकतम निर्धारित की गई है. ऐसे में पशुओं के चारे में उपयोग होने वाले कीटनाशक की वजह से भी दूध में मेलामाइन की मात्रा मिल सकती है. उन्होंने आंचल डेयरी के दूध में मेलामाइन मिलाए जाने संबंधी खबर को भ्रामक बताया है.

जयदीप अरोड़ा ने कहा खबर में यह प्रदर्शित किया गया कि फूड सेफ्टी विभाग ने दुग्ध संघ देहरादून में लिए गए दूध के नमूने में बहुत अधिक मात्रा में मेलामाइन पाया है. यह सत्यता से परे है. दुग्ध संघ देहरादून में 10 हजार लीटर दूध प्रतिदिन उपार्जित किया जाता है. लगभग 17 हजार लीटर दूध प्रतिदिन विक्रय होता है. विक्रय के लिए जरूरी अतिरिक्त दूध की पूर्ति दुग्ध संघ उधमसिंह नगर से प्राप्त की जाती है.ऐसे में दुग्ध संघ की ओर से विभिन्न प्रकार के दूध के निर्माण के लिए मानक अनुसार एसएनएफ बनाए रखने के लिए मिल्क पाउडर का उपयोग किया जाता है. यह प्रक्रिया संपूर्ण भारत में सभी डेयरियों में अपनाई जाती है. यह गलत तथ्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं कि दुग्ध संघ देहरादून द्वारा विक्रय के लिए आवश्यक दूध की पूर्ति मेलामाइन मिलाकर की जाती है. उन्होंने इसे हानिकारक बताया और कहा कि आंचल दूध में कभी भी मेलामाइन का उपयोग नहीं किया जाता है.