ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए पाकिस्तान में लाया गया ट्रांसजेंडर कानून कई इस्लामी संगठनों को नहीं पच रहा है।
दरअसल, इस्लामिक संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, औऱ 2018 में संसद द्वारा पारित किए गए इस कानून के खिलाफ अब कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी की ओर से याचिका दाखिल की गई। सीनेटर मुश्ताक अहमद खान ने याचिका में दावा किया गया है कि, ये कानून समलैंगिक विवाह और समलैंगिकता को वैध बनाता है।
इसी बीच ट्रांसजेंडर कानून को लेकर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है। कई सोशल मीडिया पोस्ट में दावे किए जा रहे हैं कि, ये कानून पाकिस्तान में रह रहे महिलाओं और पुरुषों को अपना लिंग परिवर्तन कराने का अधिकार देगा। इसके अलावा समान लिंग में विवाह की भी अनुमति देगा।
कई सोशल मीडिया पोस्ट में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि, 2018 में बिल पेश होने से 2021 तक पाकिस्तान में 23 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना लिंग परिवर्तन करा लिया है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडियो जियो न्यूज के फैक्ट चेक में इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।