भाद्रपद संक्रांति पर दयारा बुग्याल में पारंपरिक अढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) आयोजित किया गया। उत्सव में रंगों की नहीं बल्कि रैथल गांव के लोग मक्खन व छाछ की होली खेलते हैं। ग्रामीण अपने मवेशियों की रक्षा व दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए लोक देवताओं का आभार जताने के लिए हर साल इस उत्सव का आयोजन करते हैं। ग्रामीणों ने जम कर मक्खन व दूध की होली खेली। बटर फेस्टिवल के दौरान ग्रामीणों ने दयारा बुग्याल में पारंपरिक रासौ नृत्य भी किया। राधा कृष्ण बने कलाकारों ने भी खूब नृत्य किया। समुद्र तल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीण गर्मियों की शुरूआत में ही अपने मवेशियों के साथ छानियों में चले जाते हैं। सावन की समाप्ति के साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ने लगती है